नमस्कार दोस्तों, आज हम आपको बताने वाले हैं कि आप कैसे पता कर सकते हैं कि आपका बैंक अकाउंट NPCI लिंक है या नहीं यानि कि आपके बैंक कहते में आधार सीडिंग हुआ है या नहीं। क्योंकि अगर आपके बैंक अकाउंट में आधार सीडिंग नहीं हुआ है तो कोई भी सरकारी पैसा चाहे वो छात्रवृत्ति हो या कुछ और आपके कहते में नहीं आएगा। आर्टिकल के अंत में हम आपको यह भी बताएंगे कि आप अपने बैंक खाते में आधार सीडिंग कैसे करा सकते हैं।
बैंक खाता आधार सीडिंग हैं या नहीं कैसे चेक करें?
आपके बैंक खाते में आधार सीडिंग है या नहीं, और है तो किस खाते में आधार सीडिंग है चेक करने का तरीका नीचे हमने स्टेप बाई स्टेप बताया है। जिसे फॉलो करके आप आसानी से चेक कर सकते हैं।
- सबसे पहले आपको myaadhaar.uidai.gov.in पर जाना होगा उसके बाद वहां आपको अपने आधार नंबर और OTP डाल कर लॉगिन करना होगा।
- उसके बाद आपके सामने यह पेज खुल जायेगा, यहाँ निचे स्क्रॉल करने पर आपको निचे Bank Seeding Status पर क्लिक करना है।
- अब जिस बैंक खाते से आपका आधार सीडिंग है उसका विवरण वहाँ दिया रहेगा।
अगर किसी भी बैंक अकाउंट से आपका आधार सीडिंग नहीं हुआ होगा तो वहॉँ आपको उसकी जानकारी मिल जाएगी। फिर आप अपने किसी भी बैंक अकाउंट से आधार सकते हैं। आप जिस अकाउंट से आधार सीडिंग कराएंगे, उसी बैंक अकाउंट में सभी NPCI द्वारा भेजा जाने वाला सरकारी और गैर सरकारी पैसा प्राप्त होगा।
बैंक खाते में आधार सीडिंग कैसे कराएं ?
बैंक खाते में आधार सीडिंग करना यानि NPCI लिंक करना बहुत ही आसान है। इसके लिए सबसे पहले आपको अपने बैंक के ब्रांच में जाना होगा, जहाँ से आपका बैंक खता खोला गया है। वहां आपको बैंक स्टाफ़ से आधार सीडिंग का फॉर्म मांग कर भरना होगा। फॉर्म जमा करने के 2-4 दिन के अंदर आपके बैंक खाते से आधार सीडिंग कर दिया जाता है। पर कभी कभी एक सप्ताह या उससे ज्यादा का समय भी है।
आधार सीडिंग क्या है?
बैंक खाते में आधार सीडिंग का मतलब है बैंक अकाउंट और आधार कार्ड को NPCI (National Payments Corporation of India) के द्वारा लिंक करना। इससे जब भी कोई पैसा आपके आधार कार्ड के जरिये भेजा जायेगा तो वह पैसा उसी खाते में जायेगा जिस खाते से आपका आधार सीडिंग हुआ रहेगा।
इसका फायदा यह है किसी भी सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए आपको खता संख्या देने की जरुरत नहीं पड़ती, जिसमे कोई भी अंक गलत होने पर पैसा दूसरे के खाते में जाने का डर बना रहता था। और इसके जरिये पैसा सीधे लाभार्थी के खाते में भेज दिया जाता है।


